क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर के अंतर्गत लिलियम की खेती पहाड़ के लोगों के लिए बन रही रोजगार का जरिया

विकास खंड कोट के कोट गांव में लिलियम पुष्प की बिक्री हुई शुरू
ट्रायल के तौर पर पहले चरण में फूलों की स्टिक की हुई हार्वेस्टिंग
अनुबंधित कंपनी खेत से खरीद कर फूल बाजार में बेचेगी 
पौड़ी। प्रदेश सरकार के निर्देशन में चल रही केंद्र सरकार की योजनाएं ग्रामीणों के लिए मुनाफे का सौदा साबित होने लगी हैं। जंगली जानवरों व जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए सरकार क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर पर जोर दे रही है। इसी के तहत जनपद पौड़ी गढ़वाल के  विकास खंड कोट में मातृ शक्ति फेडरेशन द्वारा उद्यान विभाग, ग्रामोत्थान परियोजना और यूएसआरएलएम के सहयोग से पॉली हाउसों में लिलियम पुष्प का सफल किया गया। सरकार की दूरदर्शी सोच और विभागों के समन्वित प्रयास से आज क्षेत्र में लिलियम के खेती लहलहा रही है। प्रथम चरण में गांवों से फूलो की स्टिक की पहली खेप बाजार में बिक्री के लिए भेज दी गई है। खास बात यह है कि पुष्प उत्पादन के बाद किसानों को मार्केटिंग के लिए भटकना नहीं पडे़गा। इसके लिए एक फर्म से अनुबंध किया गया है। जो खेत से ही फूल ले जाएगी।
 मुख्य विकास अधिकारी  गिरीश गुणवंत ने बताया कि जनपद में किसानों की आजीविका संवर्द्धन हेतु व्यवसायिक स्तर पर पुष्प उत्पादन, मशरूम उत्पादन, हल्दी तथा हर्बल टी जैसे कई प्रोजेक्ट पर कलस्टर अप्रोच के आधार पर कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत विकास खण्ड कोट के कोट गांव में व्यवसायिक रुप से  लिलियम पुष्प उत्पादन की योजना बनाई गई। प्रोजक्ट शुरू करने के लिए उद्यान विभाग द्वारा जिला योजना के तहत  80 प्रतिशत अनुदान पर  22 पॉली हाउसों का निर्माण कराया गया। जिसमें से पहले चरण में 8 पॉली हाउसों में समूह की महिलाओं द्वारा लिलियम के बल्ब रोपे गए। इसके लिए उद्यान विभाग द्वारा हालैंड से लिलियम की ओरिएंटल एवं डॉसिंग स्टार वैराइटी के 16 हजार बल्ब मंगवायें गये। उन्होंने बताया कि अगले चरण में सभी पॉली हाउस में लिलियम की खेती की जाएगी।
जिला उद्यान अधिकारी राजेश तिवारी ने बताया कि एक बल्ब की कीमत 45 रुपये है।   किसानों को यह बल्ब जिला योजना से 50 प्रतिशत राजकीय अनुदान पर उपल्ब्ध कराये गये। जबकि शेष 50 प्रतिशत धनराशि ऋण के तौर पर किसानों ने समूह के सीसीएल (कैश क्रेडिट लिमिट) से ली।
ग्रामोत्थान के जिला परियोजना प्रबंधक कुलदीप बिष्ट ने बताया कि  अनुबंधित कंपनी द्वारा गत 27 जनवरी को फ्लावर कटिंग, ग्रेडिंग व पैकिंग का प्रशिक्षण दिया गया। जिसके पश्चात किसानों ने लिलियम की  हार्वेस्टिंग कर 285 फूलों की स्टिक कंपनी को विक्रय हेतु उपलब्ध कराई। इस अवसर पर पुष्प उत्पादक समूह सदस्य लक्ष्मी देवी, पूजा देवी, शांति देवी, माधुरी देवी एवं बीरा देवी द्वारा सरकार, मुख्य विकास अधिकारी व समस्त विभागों को  सहयोग एवं मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि अगली बार वह इस कार्य को सभी 20-22 पॉली हाउसों में करेंगे। जिससे कि अधिक से अधिक लाभ मिले। इस अवसर पर  खण्ड विकास अधिकारी नरेन्द्र सुयाल, बीएमएम  अल्का भंडारी, ग्रामोत्थान से कीर्ति गुसांई व विजय नेगी आदि उपस्थित थे।
आठ पॉली हाउस से बिकेंगे 12 लाख के फूल
इस प्रोजेक्ट के तहत किसानों द्वारा इस सीजन में लगभग 15-16 हजार लिलियम के फूलों की स्टिक तैयार कर कंपनी को विक्रय कराई  जायेंगी।  इन किसानों द्वारा 08 पॉली हाउसों से लगभग 10-12 लाख के फूल विक्रय किये जायेंगे। प्रत्येक पॉली हाउस से तीन माह में 70-80 हजार का लाभ किसानों को होगा।
ऐसे होगी मार्केटिंग 
फूलों की खेती की तकनीकी जानकारी देने, हैंड होल्डिंग सहयोग तथा मार्केटिंग के लिए ग्रामोत्थान परियोजना द्वारा उत्तरांचल फ्लावर एंड हर्ब्स कंपनी के साथ पुष्प उत्पादक किसानों तथा मातृ शक्ति फैडरेशन का त्रिपक्षीय अनुबंध करवाया गया है। अनुबंध के अनुसार कंपनी किसानों को पुष्प उत्पादन की समस्त तकनीकी जानकारी, हार्वेस्टिंग, पैकिंग की जानकारी तथा पैकेजिंग मटीरियल उपलब्ध करायेगी। कंपनी किसानों से उनके पॉली हाउस से ही फूलों को क्रय करेगी। कंपनी ए ग्रेड की स्टिक 80 रुपये, बी ग्रेड की  स्टिक  70 रुपये और सी ग्रेड की स्टिक 60 रुपये की दर से खरीदेगी।

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