बॉलीवुड में नए चेहरों की एंट्री हमेशा चर्चा में रहती है, और इस बार यह चर्चा शनाया कपूर की डेब्यू फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ को लेकर थी। संजय कपूर और महीप कपूर की बेटी शनाया ने इस रोमांटिक ड्रामा फिल्म से अभिनय की दुनिया में कदम रखा, जहां उनके अपोजिट नजर आए विक्रांत मैसी। हालांकि फिल्म ने जितनी उम्मीदें जगाईं थीं, थिएटर्स में रिलीज के बाद उतना ही निराशाजनक प्रदर्शन किया है।
पहले दिन की कमाई महज 30 लाख, वीकेंड पर भी नहीं मिला रिस्पॉन्स
फिल्म की ओपनिंग बेहद कमजोर रही। पहले दिन सिर्फ 30 लाख रुपये की कमाई हुई। शनिवार को मामूली उछाल आया और आंकड़ा 49 लाख तक पहुंचा, लेकिन रविवार की छुट्टी के बावजूद दर्शकों की संख्या में बड़ा इजाफा नहीं हो सका। तीन दिनों में कुल मिलाकर फिल्म ने केवल 1.15 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है।
50 करोड़ के बजट पर भारी पड़ा कमजोर कंटेंट
करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह फिल्म लागत के मुकाबले बेहद पीछे है। कमजोर स्क्रिप्ट और औसत अभिनय के चलते यह फिल्म दर्शकों से जुड़ नहीं सकी। विक्रांत मैसी जहां एक दृष्टिहीन युवक के किरदार में नजर आए, वहीं शनाया ने भी दृष्टिहीन की तरह जिंदगी जीने की कोशिश की है, लेकिन दोनों का प्रदर्शन प्रभावी नहीं रहा।
अन्य फिल्मों के मुकाबले भी पड़ी फीकी
फिल्म की रिलीज के साथ ही मुकाबला राजकुमार राव की ‘मालिक’ और हॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सुपरमैन’ से था। जहां ‘सुपरमैन’ बॉक्स ऑफिस पर छाई रही और ‘मालिक’ ने भी संतोषजनक प्रदर्शन किया, वहीं ‘आंखों की गुस्ताखियां’ इन दोनों फिल्मों की रेस में कहीं पीछे छूट गई।
पहले सप्ताह में ही बॉक्स ऑफिस से बाहर होने के आसार
प्रारंभिक आंकड़ों और समीक्षकों की राय को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह फिल्म पहले सप्ताह के अंत तक ही थिएटर से उतर सकती है। कमजोर कहानी, धीमा निर्देशन और सितारों की अनइंप्रेसिव परफॉर्मेंस ने दर्शकों को सिनेमाघरों से दूर ही रखा।
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