देहरादून। आज उत्तराखंड क्रांति दल ने उत्तराखंड के गांधी स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी के 25वीं पुण्यतिथि पर स्वर्गीय पंडित दीनदयाल नवानी स्मृति वाटिका झंडी चौड़ में वृक्षारोपण किया। 18 अगस्त 1999 को स्वर्गीय हुए उत्तराखंड के गांधी इंद्रमणि बडोनी की 25 वीं पुण्यतिथि पर उनको सामूहिक हार्दिक श्रद्धांजलि दी गई । तत्पश्चात “पहाड़ में पहाड़ जैसा संकट और निवारण” विषय पर परिचर्चा की गई ।परिचर्चा का शुभारंभ करते हुएउत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ शक्ति शैल कपरवाण ने कहा कि स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी के विचारों की अवहेलना के कारण ही राज्य बने 22 वर्ष होने के बाबजूद भी उत्तराखंड विशेषकर पहाड़ विकास से अभी कोसों दूर है।
उन्होंने कहा कि भू कानून न बनाया जाना, मूल निवास 1950 को लागू न करना ,भौगोलिक आधार पर विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन न करना ,जल जंगल जमीन के अधिकारों से जनता को वंचित रखना, पलायन को रोकने में असफल होना ,अपराध पर नियंत्रण न करना और भ्रष्टाचार का चरम शिखर पर पहुंचना जैसे गंभीर भूलें सरकार की हैं, हम सबको जनता को पीड़ित करने वाली सरकार की पहाड़ विरोधी नीतियों के खिलाफ एक मंच पर संगठित होकर लड़ना होगा। यूकेडी के बौद्धिक प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवेश चंद्र नवानी ने कहा कि इंद्रमणि बडोनी के विचारों को कार्य रूप में परिणत करके ही उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि दी जा सकती है ।उन्होंने कहा कि पहाड़ के विकास के लिए नई दिशा में एक वैचारिक आंदोलन की आवश्यकता है ।
यूकेडी के केंद्रीय उपाध्यक्ष जग दीपक सिंह रावत ने कहा कि वृक्षारोपण जैसे रचनात्मक कार्यों को करते हुए हमें जनता का विश्वास हासिल करना चाहिए, इसी से हम जमीनी स्तर पर संगठन का निर्माण कर सकते हैं। पूर्व रेंज अधिकारी आर पी पंत ने कहा कि स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी का सपना था कि सघन वृक्षारोपण कर और संरक्षण करने के लिए एक वन सेना गठित की जानी चाहिए ।इससे पहाड़ के हजारों बेरोजगारों को रोजगार भी मिलेगा। समाजसेवी श्रीमती इंदू नौटियाल ने कहा कि स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी के उत्तराखंड को समृद्ध शाली बनाने वाले विचारों का सम्मान होना चाहिए। इसके लिए महिला शक्ति को आगे आने की आवश्यकता है ।
जनार्दन प्रसाद ध्यानी ने कहा कि बडोनी का जीवन सादगी और ईमानदारी से भरपूर था, आज के नेताओं को उनके आदर्शों पर चलने की आवश्यकता है । पूर्व प्रधानाचार्य शंकर दत्त गौड़ ने कहा कि स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी के योगदान को उत्तराखंड के शिक्षा सिलेबस में रखा जाना चाहिए ।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करने वालों में यूकेडी के महानगर अध्यक्ष पुष्कर सिंह रावत, विनोद चौधरी, कादंबरी देवी, पंकज चमोली, भारत मन काला आदि थे।