ऋषिकेश। परम पूज्य महंत बाबा राम सिंह जी महाराज की असीम अनुकंपा एवं संत जोध सिंह जी महाराज के मार्गदर्शन में निर्मल आश्रम अस्पताल पिछले 36 वर्षों से सतत मानवता की सेवा में जुटा है। इसी कड़ी में 2 सितम्बर 2025 को अस्पताल ने एक और बड़ी चिकित्सा उपलब्धि हासिल की।
72 वर्षीय शशि चावला, निवासी ऋषिकेश, जो पहले से हाई ब्लड प्रेशर और लिवर डिजीज से पीड़ित थीं, घर में गिरने के कारण उनके कंधे की हड्डी 4-5 टुकड़ों में टूट गई। साथ ही हथेली में फ्रैक्चर-डिसलोकेशन और सिर में चोट भी आई। हड्डी के कई टुकड़े होने के कारण सामान्य जोड़ने का ऑपरेशन संभव नहीं था।
डॉक्टरों की टीम का साहसिक निर्णय
अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवम मालवीय ने लेटेस्ट गाइडलाइन्स और बेस्ट पॉसिबल ट्रीटमेंट को ध्यान में रखते हुए रिवर्स शोल्डर आर्थोप्लास्टी का निर्णय लिया। यह ऑपरेशन करीब 3 घंटे तक चला। इसमें कंधे के बॉल एंड सॉकेट की प्लेसमेंट को उलटकर लगाया जाता है। यह सामान्य कंधा प्रत्यारोपण नहीं था, बल्कि अत्याधुनिक और जटिल तकनीक का उदाहरण था।
ऐसे ऑपरेशन बहुत कम उच्च स्तरीय अस्पतालों में ही किए जाते हैं। ऋषिकेश का निर्मल आश्रम अस्पताल ऐसा करने वाला प्रदेश का पहला निजी अस्पताल बन गया।
मरीज की स्थिति में सुधार
ऑपरेशन के बाद शशि चावला की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। फिजियोथेरेपी से वे अब काफी हद तक अपना काम और देखभाल खुद कर पा रही हैं। डिस्चार्ज के समय मरीज और उनके परिवार ने अस्पताल एवं डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त किया।
अस्पताल की सेवाएं
अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि: अस्पताल में सुयोग्य डॉक्टरों की टीम दिन-रात आपातकालीन सेवाएं देती है। ओपीडी सेवाएं सुबह 9:30 से शाम 5:00 बजे तक नियमित रूप से उपलब्ध हैं। साधु-संतों एवं जरूरतमंद मरीजों को निःशुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
मुख्य बिंदु
निर्मल आश्रम अस्पताल ने जटिल रिवर्स शोल्डर आर्थोप्लास्टी सफलतापूर्वक किया। 72 वर्षीय महिला के कंधे की हड्डी 4-5 टुकड़ों में टूटी थी। 3 घंटे चला यह ऑपरेशन अत्याधुनिक तकनीक से सम्पन्न हुआ। प्रदेश के निजी अस्पतालों में इस तरह का पहला सफल ऑपरेशन। मरीज की स्थिति अब सामान्य, फिजियोथेरेपी से निरंतर सुधार।