भारत में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर नहीं लगेगा प्रतिबंध- खेल मंत्री मनसुख मांडविया

कहा– बहुपक्षीय टूर्नामेंटों में सभी देशों को मिलेगा समान व्यवहार

मानसून सत्र में पेश होगा राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक

नई दिल्ली। देश में खेल प्रशासन को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार जल्द ही ‘राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक’ को संसद में पेश करेगी। खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को बताया कि यह बहुप्रतीक्षित विधेयक संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में आयोजित बहुपक्षीय खेल प्रतियोगिताओं में पाकिस्तान के खिलाड़ियों की भागीदारी पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।

खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने जानकारी दी है कि राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक को 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश के खेल प्रशासकों की जवाबदेही तय करने और खेलों के संचालन में सुशासन लाने की दिशा में अहम साबित होगा।

विधेयक के तहत एक नियामक बोर्ड का गठन किया जाएगा, जो राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSFs) को मान्यता देने और उन्हें फंडिंग प्रदान करने का कार्य करेगा। यह बोर्ड इस बात पर नज़र रखेगा कि खेल संगठन वित्तीय, प्रशासनिक और नैतिक मानकों का पालन कर रहे हैं या नहीं।

इसके अलावा, मसौदे में आचार संहिता आयोग और विवाद निवारण आयोग जैसे स्वतंत्र निकायों की स्थापना का भी प्रस्ताव है। हालांकि, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने इस विधेयक का विरोध किया है। IOA का तर्क है कि नियामक बोर्ड की स्थापना उसकी भूमिका को कमजोर कर सकती है।

इस दौरान मांडविया ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों को भारत में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग लेने की अनुमति देने पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इसमें कोई आपत्ति नहीं है, चाहे वह क्रिकेट हो या हॉकी।

पाकिस्तान की भागीदारी के संभावित टूर्नामेंटों में राजगीर (बिहार) में एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट (27 अगस्त – 7 सितंबर) और तमिलनाडु में एफआईएच जूनियर वर्ल्ड कप (28 नवंबर – 10 दिसंबर) शामिल हैं। मांडविया ने कहा कि भारत वीजा देने को तैयार है, लेकिन अब फैसला पाकिस्तान सरकार को लेना है।

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