उत्तरकाशी। टिहरी बांध की झील का जलस्तर बढ़ने के कारण गंगोत्री हाईवे पर भू-धंसाव बढ़ गया है। हाईवे का करीब 50 मीटर हिस्सा टूट गया है। सुरक्षा कोे देखते हुए पुलिस ने वहां पर वाहनों की आवाजाही बंद करवा दी है। वहीं अब वाहनों को चिन्यालीसौड़ बाईपास से भेजा जा रहा है। स्थानीय लोगों को कहना है कि हाईवे के साथ नगर क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भी भू-धंसाव का खतरा बढ़ गया है। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शूरवीर सिंह रांगड़ ने बताया कि बीते शनिवार देर रात टिहरी बांध की झील का जलस्तर बढ़ने के कारण गंगोत्री हाईवे पर भू-धंसाव शुरू हो गया था। साथ ही झील के तटवर्तीय क्षेत्रों टैक्सी स्टैंड, वाल्मिकी बस्ती, लोनिवि, वन विभाग सहित सीएचसी, जोगथ रोड, पीपलमंडी से आर्च ब्रिज सहित बंधाणगांव मोटर मार्ग पर भी भू-धंसाव का खतरा बना हुआ है।
गंगोत्री हाईवे पर भू-धंसाव के बाद पुलिस ने वहां पर वाहनों की आवाजाही बंद करवा दी है। वाहनों को बड़ेथी सहित नगुण की ओर से बाईपास मार्ग से भेजा जा रहा है। शूरवीर रांगड़ सहित व्यापार मंडल अध्यक्ष कृष्णा नौटियाल, पूरण सिंह बिष्ट, कोमल राणा, राजेंद्र पंवार, मंदल भंडारी, कुशला डंगवाल आदि का कहना है कि पूर्व में हाईवे का करीब छह मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त होने के बाद बीआरओ सहित टीएचडीसी के अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों को दौरा किया था लेकिन अभी सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए गए हैं।
वहीं बड़ेथी से नगुण तक करीब सात किमी क्षेत्र में टिहरी झील के बढ़ते जलस्तर के साथ ही भू-धंसाव का खतरा शुरू हो जाता है जिसके लिए कई बार सुरक्षात्मक कार्य करने की मांग की गई। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जल्द ही टीएचडीसी सुरक्षात्मक कार्य शुरू नहीं करती है तो स्थानीय जनता को उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। धरासू थानाध्यक्ष राजेंद्र पुजारा ने बताया कि भू-धंसाव वाले क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही बंद करवा दी गई है। वहीं इस संबंध में संबंधित विभागों को भी सूचना दी गई है।