माइक्रो एक्सफोलिएशन त्वचा की गहरी परतों में छूटने के बजाय हल्के इंग्रीडिएंट्स और माइक्रोपार्टिकल्स के साथ स्किन की ऊपरी सतह पर लूज सेल्स को धीरे से हटाने की प्रक्रिया है। यह एक्सफोलिएटिंग का सबसे हल्का रूप है और इसे डीप क्लींजिंग की तुलना में ज्यादा एक्टिव और असरदार माना जाता है। दमकती त्वचा के लिए, एक्सफोलिएशन समय-समय पर करते रहना चाहिए। यह स्किन के प्रोडक्शन को बढ़ाने या सुधारने का सबसे अच्छा तरीका है।
1. नियमित रूप से एक्सफोलिएशन कोलेजन उत्पादन को प्रोत्साहित करता है और स्किन सेल्स प्रोडक्शन में सुधार करता है, जो कि टाइट और ब्राइट स्किन के लिए बेस्ट होता है। यह बंद पोर्स को भी साफ करता है, जिससे ब्रेकआउट की संभावना कम हो जाती है। स्किन लंबे समय तक हेल्दी और जवां रहती है।
2. आमतौर पर लोग अपनी त्वचा को जरूरत से ज्यादा एक्सफोलिएट करते हैं। यह स्किन को ड्राई, सेंसिटिव और सूजन देता है। अगर ऐसे लक्षण स्किन पर नजर आ रहे हैं, तो तुरंत एक्सफोलिएट करना बंद कर दें। वहीं दोबारा एक्सफोलिएट करना शुरू करने से पहले अपनी त्वचा को एक या दो हफ्ते का रेस्ट दें। हफ्ते में 2-3 बार माइक्रोएक्सफोलिएट करें। माइक्रो एक्सफोलिएशन, एक्सफोलिएशन का सबसे कोमल रूप है और त्वचा पर कम हार्श होता है। यह लगभग सभी प्रकार की स्किन के लिए फायदेमंद होता है।
3. अगर आपकी त्वचा में जलन हो रही है, चाहे वह एक्ने से हो या सोरायसिस, इन्फ्लेमेट्री स्किन कंडीशन या एक्जिमा जैसी स्थिति से है, तो एक्सफोलिएट करने से बचें। ज्यादा सेंसिटिव स्किन के प्रकारों के लिए, माइक्रोफोलिएंट सबसे अच्छा एक्सफोलिएंट है। सेंसिटिव स्किन वाले सप्ताह में 3 बार एक एएचए/बीएचए केमिकल एक्सफोलिएट के साथ एक माइक्रोफोलिएंट का उपयोग करें। ज्यादा सेंसिटिव स्किन वाले सर्कुलर मोशन में एसिड-फ्री माइक्रोफोलिएंट का यूज करें।