हरिद्वार में हुई धर्म संसद में संप्रदाय विशेष के लोगों के खिलाफ अभद्र टिप्पणियों के मामले की जांच अब स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) करेगी। डीआईजी गढ़वाल ने इस मामले में एक एसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया है। हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित वेद निकेतन में 17 से 19 दिसंबर तक धर्मसंसद आयोजित हुई।
आरोप है कि इसमें संतों की ओर से हेट स्पीच दी गई। धर्म संसद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस मामले में ज्वालापुर निवासी गुलबहार कुरैशी की तहरीर पर पुलिस ने यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने का मुकदमा दर्ज किया था। वायरल वीडियो के तूल पकड़ने के बाद हरिद्वार कोतवाली पुलिस सक्रिय हुई।
गढ़वाल डीआईजी केएस नगन्याल ने बताया कि हरिद्वार में हुई धर्म संसद में गलत बयानबाजी का आरोप लगाया गया है। इस मामले में हरिद्वार में मुकदमा भी दर्ज है। मुकदमा दर्ज करवाने वाले संप्रदाय के लोगों का आरोप है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच और कार्रवाई नहीं हो रही है। इसी को देखते हुए अब इस मामले की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है।
भड़काऊ भाषण प्रकरण में दो और संतों पर मुकदमा
हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में वेस्ट यूपी के डासना (गाजियाबाद) के संत यति नरसिंहानंद और संत धर्मराज सिंधू का नाम भी सामने आया है। हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने मुकदमे में दोनों संतों के नाम बढ़ा दिए हैं। अब तक भड़काऊ भाषण देने के मामले में मुख्य आरोपी वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी समेत पांच नामजद हो चुके हैं।
एसआईटी इस मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच करेगी। इसके बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
केएस नगन्याल, डीआईजी गढ़वाल