भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच चल रहे सीमा विवाद में फंस गई है। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मई में वहां मतदान है और उससे पहले सीमा विवाद शुरू हो गया है। इस वजह से भाजपा खुल कर स्टैंड नहीं ले पा रही है। भाजपा के साथ साथ शिव सेना का एकनाथ शिंदे गुट भी फंस गया है। शिंदे भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री बने हैं इस वजह से वे कर्नाटक या वहां की सरकार को निशाना नहीं बना सकते हैं। पिछले दिनों कर्नाटक के मराठी बहुल इलाके में एक कार्यक्रम होना था, जिसमें महाराष्ट्र के दो बड़े मंत्रियों को शामिल होना था लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने महाराष्ट्र सरकार को मना किया वह मंत्रियों को नहीं जाने दे तो दोनों मंत्री उस कार्यक्रम में नहीं गए।
इस बात का महाराष्ट्र में बड़ा विवाद बना है। शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने दोनों मंत्रियों पर निशाना साधते हुए पूरी सरकार को कायर बताया और कहा कि वे महाराष्ट्र के गौरव से समझौता कर रहे हैं। कर्नाटक में महाराष्ट्र नंबर वाली गाडिय़ों पर हमले हुए तो पुणे में उद्धव ठाकरे के शिव सैनिकों ने कर्नाटक नंबर की गाडिय़ों को रोक कर उन पर जय महाराष्ट्र लिख दिया। कर्नाटक में भाजपा की सरकार होने और छह महीने में होने वाले चुनाव को देखते हुए भाजपा और एकनाथ शिंदे की पार्टी कुछ नहीं कर पा रही है। वे चुपचाप बैठे हैं और इसका फायदा उद्धव ठाकरे और शरद पवार की पार्टी उठा रही है। सीमा का यह विवाद महाराष्ट्र में भाजपा को नुकसान पहुंचा सकता है।