हमारे गले के पास स्थित थायराइड ग्रंथि देखने में तो बेहद छोटी होती है, लेकिन इसका काम शरीर के कई जरूरी कार्यों को संतुलित करना है। यह ग्रंथि खास हार्मोन बनाती है जो मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा और तापमान नियंत्रण जैसे अहम कार्यों को संचालित करते हैं। जब यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती, खासकर हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में, तो शरीर में थकान, वजन बढ़ना, बाल झड़ना जैसी कई समस्याएं देखने को मिलती हैं।
ऐसी स्थिति में दवाइयों के साथ-साथ सही खान-पान पर ध्यान देना भी उतना ही जरूरी होता है। कई बार कुछ ऐसी सब्जियां, जिन्हें हम हेल्दी मानते हैं, वे भी थायराइड की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। आइए जानते हैं किन सब्जियों और खाद्य पदार्थों को लेकर थायराइड रोगियों को सतर्क रहने की जरूरत है।
गोइट्रोजेनिक सब्जियां
थायराइड रोगियों को विशेष रूप से उन सब्जियों से सतर्क रहना चाहिए, जो गोइट्रोजेनिक गुणों से भरपूर होती हैं। ये सब्जियां आयोडीन के अवशोषण में बाधा डाल सकती हैं, जिससे थायराइड हार्मोन का निर्माण प्रभावित होता है। पत्ता गोभी, फूल गोभी, ब्रोकली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स जैसी सब्जियां इस श्रेणी में आती हैं। इनमें मौजूद ग्लूकोसिनोलेट्स नामक यौगिक थायराइड की सक्रियता को धीमा कर सकते हैं।
कच्चा नहीं, पका हुआ ही खाएं
इन सब्जियों में पोषण भरपूर होता है, लेकिन इन्हें कच्चा खाने से गोइट्रोजेनिक प्रभाव ज्यादा हो सकता है। इन्हें उबालकर या भाप में पकाकर खाने से इनमें मौजूद नुकसानदायक यौगिक काफी हद तक निष्क्रिय हो जाते हैं। इसलिए थायराइड के मरीज इनका सेवन सीमित मात्रा में, और केवल अच्छी तरह पका कर करें।
सोया और प्रोसेस्ड फूड से भी सावधानी
कुछ अध्ययन बताते हैं कि सोया उत्पाद भी थायराइड पर प्रभाव डाल सकते हैं। साथ ही प्रोसेस्ड फूड, अधिक नमक, और ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थ हाशिमोटो जैसी थायराइड स्थितियों में लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। इसलिए थायराइड रोगी इनका सेवन सोच-समझकर करें।
खान-पान में संतुलन और विशेषज्ञ की सलाह है जरूरी
ध्यान रखें कि थायराइड की बीमारी सिर्फ डाइट से ठीक नहीं हो सकती — यह केवल एक सहायक माध्यम है। अपने भोजन में बदलाव करने से पहले डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से सलाह लें। खुद से किसी भी पोषक तत्व या सब्जी को पूरी तरह बंद करना शरीर को अन्य तरह की हानि पहुंचा सकता है।
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