पेट दर्द को अक्सर लोग सामान्य गैस, अपच या खानपान की गड़बड़ी का परिणाम समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन हर बार होने वाला पेट दर्द उतना सामान्य नहीं होता। कई बार यह दर्द शरीर के भीतर चल रही गंभीर समस्याओं का शुरुआती संकेत हो सकता है, जिन पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो स्थिति खतरनाक भी बन सकती है। पेट वह केंद्र है जहां लिवर, किडनी, पित्ताशय, अग्न्याशय और आंत जैसे कई महत्वपूर्ण अंग मौजूद होते हैं, इसलिए इनमें किसी भी तरह की गड़बड़ी पेट दर्द के रूप में दिखाई दे सकती है। ऐसे में जरूरी है कि व्यक्ति दर्द की प्रकृति को समझे और समय पर चिकित्सकीय सलाह ले।
1. पित्ताशय में पथरी का संकेत
अगर पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में अचानक तेज दर्द उठे, जो तली-भुनी या भारी चीजें खाने के बाद बढ़ जाए और दर्द कंधे या पीठ तक पहुंचने लगे, तो यह पित्ताशय की पथरी की ओर इशारा करता है। पथरी जब पित्त नलिकाओं में फंस जाती है, तो तीव्र दर्द के साथ मतली और उल्टी भी हो सकती है। ऐसे मामलों में तुरंत चिकित्सा जरूरी है।
2. अपेंडिसाइटिस और आंत्र संबंधी रोग
नाभि के आसपास महसूस होने वाला दर्द यदि धीरे-धीरे दाहिने निचले हिस्से की ओर बढ़कर तेज हो जाए, तो यह अपेंडिसाइटिस हो सकता है—जो एक मेडिकल इमरजेंसी है और त्वरित सर्जरी की मांग करता है।
इसके अलावा, लंबे समय तक लगातार दस्त, कब्ज, या पेट में ऐंठन रहना इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) या इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) जैसी गंभीर आंत्र बीमारियों का लक्षण हो सकता है।
3. किडनी स्टोन और पेट के अल्सर का दर्द
तेज, लहरों जैसा और कमर से पेट की ओर फैलने वाला दर्द किडनी स्टोन की ओर संकेत करता है। यह दर्द बेहद तीव्र हो सकता है और कई बार पेशाब में जलन या खून के साथ भी दिखाई देता है।
इसके विपरीत, पेट के ऊपरी हिस्से में खाली पेट बढ़ने वाला जलनयुक्त दर्द अक्सर पेट के अल्सर का लक्षण होता है, जिसे अनदेखा करने पर स्थिति बिगड़ सकती है।
4. कब तुरंत डॉक्टर से मिलें?
यदि पेट दर्द के साथ इनमें से कोई लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें:
तेज बुखार
उल्टी में खून
मल या पेशाब में खून
लगातार दस्त
अचानक वजन घटना
दर्द का लंबे समय तक बना रहना
सामान्य अपच से होने वाला दर्द जल्द ठीक हो जाता है, लेकिन लगातार या असहनीय दर्द शरीर में किसी गंभीर समस्या की चेतावनी है, जिसे अनदेखा करना खतरनाक साबित हो सकता है।
नोट:
यह लेख चिकित्सकीय रिपोर्टों और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है।
(साभार)