लिवर की बिगड़ती सेहत पर खतरे की घंटी —जानें कैसे बचें फैटी लिवर डिजीज से

देश में लिवर से जुड़ी बीमारियां अब गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बन चुकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पहले जहां यह समस्या 45-50 साल की उम्र के बाद देखने को मिलती थी, वहीं अब 20 साल से कम उम्र के युवा भी फैटी लिवर जैसी जटिल बीमारी के शिकार हो रहे हैं।

गलत जीवनशैली, जंक फूड, देर रात तक जागना, व्यायाम की कमी और शराब का सेवन इसके मुख्य कारण माने जा रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार लिवर हमारे शरीर का सबसे अहम अंग है जो पाचन, ऊर्जा संचय और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने का काम करता है। लेकिन जब इसमें अत्यधिक चर्बी जमा हो जाती है तो यह फैटी लिवर डिजीज में बदल जाता है — जो आगे चलकर लिवर सिरोसिस या लिवर फेलियर जैसी घातक स्थिति पैदा कर सकता है।

नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर भी बना चिंता का कारण

विशेषज्ञ बताते हैं कि फैटी लिवर सिर्फ शराब पीने वालों की बीमारी नहीं है। आजकल नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका कारण है — असंतुलित खानपान, मोटापा और निष्क्रिय दिनचर्या।

अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह रोग पूरे शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर देता है और हार्ट डिजीज, डायबिटीज जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ा देता है।

क्या कह रहे हैं डॉक्टर?

डॉक्टरों के अनुसार, जीवनशैली में सुधार और संतुलित आहार इस बीमारी की रोकथाम का सबसे प्रभावी तरीका है।

रोज़ाना हल्का व्यायाम करें और वजन नियंत्रित रखें।

आहार में फलों, हरी सब्जियों, साबुत अनाज और दालों की मात्रा बढ़ाएं।

रिफाइंड शुगर, नमक और ट्रांस फैट से भरपूर चीजों से बचें।

शराब और जंक फूड को पूरी तरह त्यागें।

कॉफी पीना भी हो सकता है फायदेमंद

शोध बताते हैं कि कॉफी का सीमित सेवन फैटी लिवर के खतरे को कम कर सकता है। यह लिवर एंजाइम्स को नियंत्रित करने और सूजन घटाने में मददगार साबित होती है। हालांकि, विशेषज्ञों की सलाह के बिना अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदेह हो सकता है।

किन चीजों से बचें

तले हुए भोजन और ट्रांस फैट लिवर में चर्बी बढ़ाते हैं।

मीठे पेय जैसे सोडा, कोल्ड ड्रिंक और डेज़र्ट्स लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं।

जंक फूड में मौजूद सोडियम और प्रिजर्वेटिव्स भी लिवर को कमजोर बनाते हैं।

शराब का सेवन लिवर सिरोसिस का सबसे बड़ा कारण है।

(साभार)