चाय भारतीय जीवनशैली का एक अभिन्न हिस्सा बन चुकी है, लेकिन हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) से पीड़ित लोगों के लिए यह सवाल अक्सर उठता है—क्या चाय पीना सुरक्षित है? क्या इससे ब्लड प्रेशर और ज्यादा बढ़ सकता है या कुछ चाय की किस्में इसके नियंत्रण में मददगार भी साबित हो सकती हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और हालिया अध्ययनों के अनुसार, चाय का असर व्यक्ति की सेहत, उसकी आदतों और चाय के प्रकार पर निर्भर करता है। यानी हर चाय एक जैसी नहीं होती और इसका प्रभाव भी हर किसी पर समान नहीं होता।
शोध क्या कहते हैं?
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक, चाय में मौजूद कैफीन अस्थायी रूप से ब्लड प्रेशर को 5–10 mm Hg तक बढ़ा सकता है। यह उन लोगों के लिए चिंताजनक हो सकता है, जो पहले से हाई बीपी के शिकार हैं। हालांकि, जो लोग नियमित रूप से कैफीन लेते हैं, उनमें इसका प्रभाव सीमित होता है।
दूसरी ओर, कुछ शोधों से यह भी सामने आया है कि ब्लैक टी का लंबे समय तक सीमित सेवन (12 हफ्ते तक) सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर को 2–3 mm Hg तक कम कर सकता है, जिसके पीछे उसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्लेवोनॉयड्स का हाथ होता है।
विशेषज्ञों की सलाह
डॉ. जुगल किशोर, वरिष्ठ चिकित्सक, बताते हैं कि कैफीन, टैनिन जैसे रसायनों के कारण चाय या कॉफी का अत्यधिक सेवन हाई बीपी वालों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। खासकर खाली पेट चाय पीना इस स्थिति में और अधिक दिक्कतें पैदा कर सकता है।
वे कहते हैं कि यदि किसी व्यक्ति को पहले से कोई दिक्कत नहीं है, तो सीमित मात्रा में चाय पीना नुकसानदेह नहीं है। लेकिन जिन्हें लगातार उच्च रक्तचाप की समस्या रहती है, उन्हें कैफीन से परहेज करना चाहिए।
सही चाय, सही समय और सही मात्रा
विशेषज्ञ मानते हैं कि चाय पूरी तरह से वर्जित नहीं है, लेकिन इसका सेवन सही मात्रा, सही समय और सही प्रकार की चाय के चयन के साथ किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, ग्रीन टी या हर्बल टी हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं क्योंकि उनमें कैफीन की मात्रा बेहद कम होती है।
सावधानी ज़रूरी
दिन में दो कप से ज्यादा कैफीन युक्त पेय से बचें
ब्लड प्रेशर मापते रहें
खाली पेट चाय से बचें
ग्रीन टी को प्राथमिकता दें
यदि पहले से कोई दिल की बीमारी हो तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें
(साभार)