फ्री डायग्नोस्टिक के तहत सभी 266 टेस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय: डीएम
जिलाधिकारी ने दिये मरीजों की सहूलियत के लिये आयुष्मान कार्ड हेल्प डेस्क बनाने के निर्देश
जिलाधिकारी द्वारा जिला अस्पताल का निरीक्षण, सभी आवश्यक व जीवन रक्षक दवाओं को रखने के निर्देश
पौड़ी- जिला चिकित्सालय पौड़ी की चिकित्सा प्रबंधन समिति की बैठक आज जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया की अध्यक्षता में चिकित्सालय परिसर में आयोजित की गयी। बैठक में चिकित्सालय की व्यवस्थाओं, दवाओं की उपलब्धता, उपकरणों की स्थिति, स्वच्छता एवं मरीजों को दी जा रही सेवाओं की गहन समीक्षा की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी ने रेफरल रजिस्टर का निरीक्षण करते हुए रेफरल सेवाओं की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये तथा कहा कि जिला अस्पताल में ही इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी जाय, ताकि रेफरल न हो। इसके साथ ही पौड़ी में कार्यरत विशेषज्ञ चिकित्सकों की सूची की भी समीक्षा की गयी।
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य उपकरणों की स्थिति पर चर्चा करते हुए उन्होंने खराब पड़े वेंटिलेटर और एक्स-रे मशीनों को शीघ्र दुरुस्त कराने के निर्देश दिये। ऑक्सीजन प्लांट की मरम्मत हेतु वार्षिक अनुरक्षण अनुबंध की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया, साथ ही उनके द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि वार्षिक अनुरक्षण अनुबंध पूर्ण होने तक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और सिलेंडर कार्यरत रहें।
बैठक में जिलाधिकारी ने मानव संसाधन की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए सुरक्षा कर्मी, कंप्यूटर ऑपरेटर, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, एक्स-रे तकनीशियन, वाहन चालक और कक्ष सेवक/सेविकाओं की नियुक्ति के प्रस्ताव पर अनुमोदन दिया। साथ ही कहा कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से अतिरिक्त कक्ष सेवक/सेविकाओं को जिला अस्पताल भेजा जायेगा।
बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने के लिए जिलाधिकारी ने चिकित्सालय के प्रवेश द्वारों पर नियाॅन लाइट लगाने हेतु डीपीआर तैयार करने और सीसी रोड व इंटरलॉकिंग टाइल्स के लिए शीघ्र प्रस्ताव बनाए जाने के निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त उन्होंने जिला योजना में आवासीय भवनों के निर्माण, मरम्मत तथा नए अस्पताल भवन के प्रस्ताव शामिल करने को भी कहा।
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी हेतु मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एल डी सेमवाल को सचल चिकित्सा वाहनों के संचालन के लिए बहुउद्देशीय शिविरों का रोस्टर बनाने के निर्देश दिये। साथ ही कैंसर डे केयर सेंटर को जल्द सुचारु रूप से कार्यशील बनाने के निर्देश दिये गये।
रिपोर्टिंग व्यवस्था पर बल देते हुए जिलाधिकारी ने टीबी, एनीमिया, इम्यूनाइजेशन के संबंध में नियमित रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही 108 एम्बुलेंस की कार्यशीलता की भी समीक्षा की गयी।
जिलाधिकारी ने जन औषधि केंद्रों की स्थिति पर चर्चा करते हुए निर्देश दिये कि अस्पताल में जितनी भी दवाएं लिखी जाती हैं, उन्हें यहीं से उपलब्ध कराया जाय। साथ ही उन्होंने कहा कि जनऔषधि केंद्रों में आवश्यक दवाओं की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। इसके अलावा उन्होंने आयुष्मान योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु हेल्प डेस्क को प्रशिक्षण देने, आयुष्मान कार्ड निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाने और बायोमेट्रिक मशीन क्रय करने के निर्देश भी दिये।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को चिकित्सा सेवाओं में सुधार हेतु सभी विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने और प्रस्तावों को समयबद्ध रूप से प्रस्तुत करने को कहा। साथ ही उन्होंने चिकित्सकों की उपस्थिति, मरीजों के प्रति व्यवहार एवं अस्पताल परिसर की स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखने की आवश्यकता बतायी।
इसके उपरांत जिलाधिकारी ने चिकित्सालय के महिला व पुरुष सामान्य वार्ड में भर्ती मरीजों का हालचाल जानने के साथ जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर फीडबैक लिया।
औषधि भंडार के निरीक्षण के दौरान उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को सभी आवश्यक व जीवन रक्षक दवाओं को उपलब्ध रखने के निर्देश दिये। मेडिसन ओपीडी के निरीक्षण के दौरान उन्होंने ओपीडी रजिस्टर का भी अवलोकन किया। पैथोलॉजी कक्ष के निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये कि पैथोलॉजी लैब में उपलब्ध सभी स्वास्थ्य परीक्षणों की सूची तैयार कर प्रवेश द्वार पर चस्पा करवाना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने क्षय नियंत्रण केंद्र का निरीक्षण के दौरान उन्होंने तमाम सुविधाओं का जायजा लिया तथा वैकल्पिक वैद्युत व्यवस्था के तौर पर जनरेटर/इनवर्टर की व्यवस्था के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी क्षयरोगियों से प्रत्येक पखवाड़े में संपर्क कर उनकी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें।
बैठक में विधायक प्रतिनिधि सुभाष रावत, मुख्य कोषाधिकारी गिरीश चंद, एसीएमओ रमेश कुंवर, विनय कुमार त्यागी सहित समिति के सदस्यगण एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।