देहरादून। जोशीमठ आपदा को देखते हुए सरकार ने प्रदेश के प्रत्येक जिले में जोखिम संभावित भवनों की तलाश शुरू करने का फैसला किया है। ऐसे असुरक्षित भवन यदि रेट्रोफिटिंग के माध्यम से भी सुरक्षित नहीं होंगे, तो उन्हें ढहा दिया जाएगा। असुरक्षित भवनों की चिन्हित करने और रेट्रोफिटिंग की कार्रवाई के लिए शासन ने सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ और तकनीकी समिति का गठन कर दिया है। इस संबंध में आवास विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि जोशीमठ नगर क्षेत्र भू-धंसाव के कारण भवनों में दरारें आ गई हैं। तीखे ढलान पर बसे इस नगर में कई आवासीय और व्यावासयिक भवन जोखिम की दृष्टि बेहद संवेदनशील हैं। विशेषज्ञों के सुझाव पर सरकार जोशीमठ में असुरक्षित और संवेदनशील भवनों के रेट्रोफिटिंग का फैसला पहले ले चुकी है।
इसके लिए निविदा तक हो चुकी है। लेकिन अब प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में असुरक्षित भवनों के चिह्निकरण का काम शुरू किया है। यह कार्य डीएम की अध्यक्षता में गठित एक कमेटी करेगी। आवास विभाग ने समिति के गठन को लेकर आदेश जारी कर दिया है। राज्य के प्रत्येक जिले में डीएम की अध्यक्षता गठित समिति कुल छह सदस्य हैं। इनमें एमडीडीए व हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व सचिव, सभी जिला विकास प्राधिकरण से संबंधित क्षेत्र उप जिलाधिकारी, लोनिवि, सिंचाई, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता, संबंधित जिले में भू तत्व व खनिकर्म विभाग के सहायक भू-वैज्ञानिक व नगरी स्थानीय निकाय के नगर आयुक्त या अधिशासी अधिकारी समिति के सदस्य बनाए गए हैं।