नोएडा सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट परियोजना में बने अवैध टावरों को गिराने की प्रक्रिया धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। टावर तोड़ने के लिए बने एक्शन प्लान का अध्ययन करने के बाद सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) ने नोएडा प्राधिकरण को कुछ सुझाव दिए हैं। ये सुझाव प्राधिकरण ने बिल्डर को दे दिए हैं। साथ ही निर्देश दिया है कि संबंधित कंपनी से जल्द अनुबंध कर टावर गिराने की प्रक्रिया शुरू की जाए। ट्विन टावर को गिराने की तैयारी में तीन माह का समय लगेगा। इसके बाद दोनों टावर मात्र दस सेकेंड में गिरा दिए जाएंगे।
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि संबंधित कंपनी की ओर से एक्शन प्लान देने के बाद नोएडा प्राधिकरण ने सीबीआरआई से लिखित में पक्ष मांगा था। सीबीआरआई की ओर से आए पांच-छह सुझावों को संबंधित कंपनी को अपने एक्शन प्लान में शामिल करना होगा।
नियंत्रित विस्फोट किया जाएगा : एक्शन प्लान के अनुसार, दोनों टावर वाटर फाल इम्पोलजन कौलेप्स मकैनिज्म से ढहाए जाएंगे। यह कंट्रोल ब्लास्ट होगा। इसमें जिस तरह से झरने से पानी एक दिशा में गिरता है, उसी तरह इमारत तोड़कर मलबा गिराने की जानकारी बिल्डर को एजेंसी ने दी है। टावर तोड़ने की तैयारी में दो महीने 25 दिन का समय एजेंसी को लगेगा। इसके बाद केवल 10 सेकेंड में दोनों टावर को ढहा दिए जाएंगे।
पूरी प्रक्रिया में करीब छह माह का समय लगेगा : फिर मौके से मलबा उठाकर जगह को पूरी तरह से साफ करने में तीन महीने का समय लगेगा। इस तरह से पूरी प्रक्रिया में करीब 6 महीने का समय लगेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने टावर गिराने के लिए तीन महीने का समय दिया था : ट्विन टावर को अवैध करार देने के साथ सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त को तीन महीने के अंदर इन्हें तोड़ने का आदेश दिया था। मगर इस समय अवधि में टावर नहीं टूट पाए।
कोर्ट में अपनी अनुपालन रिपोर्ट दाखिल की थी : प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक, बिल्डर से एक्शन प्लान लगातार मांगा गया, लेकिन वह अपनी एजेंसियों से समय पर एक्शन प्लान देने में फेल रहा। इसको लेकर प्राधिकरण ने कोर्ट में अपनी अनुपालन रिपोर्ट दाखिल की हुई है।
एडफिस से अनुबंध होगा
अवैध टावरों को गिराने के लिए अमेरिका की एडफिस कंपनी ने एक्शन प्लान तैयार करके दी है। अब इसी कंपनी के साथ सुपरटेक बिल्डर का अनुबंध होना है। एक्शन प्लान देने के दौरान कंपनी के अधिकारियों ने बताया था कि वह दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सिबर्ग में 108 मीटर ऊंची इमारत को ध्वस्त कर चुके हैं। वहां एक इमारत से दूसरी इमारत की दूरी 8 मीटर थी, जो काफी मुश्किल था। इसके अलावा कोच्चि में एक बड़ी इमारत को कंपनी ध्वस्त कर चुकी है। ऐसी स्थिति ही सेक्टर-93ए में है। दोनों टावरों की ऊंचाई करीब 100 मीटर है और एक से दूसरे टावर की दूरी 9 मीटर है।
15 टावरों को खाली कराएंगे
ट्विन टावर के आसपास 15 और टावर बने हुए हैं, जिनमें लोग रहे हैं। ध्वस्तीकरण के समय इन टावरों के फ्लैट भी खाली कराए जाएंगे। यह प्रक्रिया करते समय एनजीटी के नियमों का पालन किया जाएगा।