नौकरशाहों पर कमजोर करने का आरोप
सीएम, गवर्नर, मुख्य सचिव को भेजा नोटिस
पिथौरागढ़। जिले के नौकरशाहों के द्वारा बार-बार त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के किया जा रहे अपमान के खिलाफ 25 जून को जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में धरना दिया जाएगा। इसकी सूचना जिले की जिलाधिकारी के साथ-साथ मुख्यमंत्री तथा राज्यपाल को भी दे दी गई है। आरोप लगाया गया कि पंचायतों को सशक्त की जाने की जगह कमजोर किया जा रहा है। उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन की संयोजक तथा जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि जिले के नौकरशाओं को यह भी मालूम नहीं है कि ग्राम सभा की बैठक में रेखीय विभागों की उपस्थिति अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि जिले में नौकरशाह इतने घमंडी हो गए है कि मुख्यमंत्री बीएडीपी की योजना जिला मुख्यालय में ही तैयार हो जा रही है। जनता द्वारा चूने के प्रतिनिधियों को योजना तैयार करने में शामिल तक नहीं किया जा रहा है।

निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सूचना मांगने पर सूचना अधिकार अधिनियम का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। उन्होंने कहा कि जिला योजना भी अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में अधिक तैयार हो रही है। उन्होंने वर्तमान पंचायत के साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल की समीक्षा करते हुए कहा कि ग्राम, क्षेत्र तथा जिला पंचायत को सरकार होने का संवैधानिक दिए जाने के बाद स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं किया करने दिया जा रहा है। अधिकारियों की जो भूमिका है कि वह पंचायतों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का है। इस तरह का प्रयोग कहीं भी नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि नौकरशाह अपने को पंचायतों से बड़ा समझने की गलती करते हुए पंचायतों को हांकने का प्रयास कर रहे है, जो लोकतंत्र में ना संभव है ना ही स्वीकार होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ ही प्रमुख सचिव पंचायतीराज, निदेशक पंचायतीराज जिले के अफसर की मनमानी की शिकायत की गई है। उन्होंने सदन में सदस्यों द्वारा उठाए जाने वाले सवालों पर जनता के चुने प्रतिनिधियों के द्वारा दिशा-निर्देश दिया जाना चाहिए। इस जनपद में ठीक उसका उल्टा होता है। इन बैठकों का नेतृत्व नौकरशाहों के द्वारा किया जाता है। जहां पर सदन में सदस्यों के द्वारा उठाए गए सवालों का कोई समाधान नहीं होता है। नौकरशाहों द्वारा इन सदनों में भी अधिकारियों को केवल बचाने का कार्य किया जाता है।
उन्होंने कहा कि जिला पंचायत की बैठक में धरना दिया जाएगा तथा सम्मानित अध्यक्ष द्वारा अवसर दिए जाने पर इस अपमान की संपूर्ण कहानी को सदन की भीतर सांझा की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि विधानसभा तथा लोकसभा के द्वारा हमेशा इन सदनों को कमजोर किया गया है। आज उनकी स्थिति भी नौकरशाहों के सामने घुटने टैक जैसी हो गई है। इसलिए जनता द्वारा निर्वाचित सभी सदनों की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है, जो लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।